हिन्दी साहित्य का आदिकाल जिसे वीरगाथा काल, चारणकाल, सिद्ध सामन्त युग, बीजवपन काल, वीरकाल आणि अनेक संज्ञाओं से विभूषित किया है।
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साहित्य दृष्टि से भक्ति काल का समय 3075 विक्रम संवत से लेकर 1700 विक्रम संवत के मध्य तक माना जाता है।भक्ति आंदोलन हिंदी साहित्य ही नहीं अपितु भारतीय साहित्य एवं भारतीय जनमानस का एक महत्वपूर्ण आंदोलन है।
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रीतिकालीन काव्य की रचना सामंती परिवेश और छत्रछाया में हुई है इसलिए इसमें वे सारी विशेषताएँ पाई जाती हैं जो किसी भी सामंती और दरबारी साहित्य में हो सकती हैं।
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आधुनिक हिंदी साहित्य का आरंभ 19वीं शताब्दी के आरंभ से माना जाता है। हिंदी साहित्य के इतिहास में रीतिकाल के बाद चतुर्थ काल आधुनिक काल का आता है। इसका आरंभ 1850 के आसपास से माना जाता है।यह सन भारतेंदु हरिश्चंद्र जी का जन्म काल है।
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