अज्ञेय

सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ का जन्म 7 मार्च 1911 को उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में हुआ था। वे हिंदी साहित्य के एक बहुमुखी लेखक, कवि, उपन्यासकार, आलोचक और संपादक के रूप में विख्यात हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा घर पर ही हुई, जहाँ उन्होंने संस्कृत, फारसी, अंग्रेजी और बांग्ला भाषाओं का अध्ययन किया। अज्ञेय का साहित्यिक जीवन उनकी गहन दृष्टि और नवीनता के लिए जाना जाता है।

अज्ञेय का साहित्यिक करियर बहुत विविध रहा। उन्होंने हिंदी कविता में “प्रयोगवाद” की नींव रखी और इसके माध्यम से नई धारा का प्रवर्तन किया। उनके संपादन में प्रकाशित ‘तार सप्तक’ और ‘दूसरा सप्तक’ कविता संग्रहों ने हिंदी साहित्य में एक नई दिशा दी। उन्हें ‘नई कविता’ के पथप्रदर्शक के रूप में भी देखा जाता है।

अज्ञेय ने हिंदी साहित्य में कई महत्वपूर्ण कृतियों का सृजन किया, जिनमें ‘शेखर: एक जीवनी’, ‘नदी के द्वीप’, और ‘अपने अपने अजनबी’ जैसे उपन्यास शामिल हैं। उनकी कविताएँ भी अत्यधिक प्रशंसित हैं, जिनमें ‘हरी घास पर क्षण भर’, ‘इत्यलम्’, और ‘कितनी नावों में कितनी बार’ प्रमुख हैं।

उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनकी रचनाएँ न केवल साहित्यिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि उनके विचारों की गहराई और समाज के प्रति उनकी चेतना ने भी उन्हें एक विशिष्ट स्थान दिलाया। अज्ञेय का निधन 4 अप्रैल 1987 को नई दिल्ली में हुआ, लेकिन उनके साहित्यिक योगदान ने उन्हें हिंदी साहित्य का एक अमर स्तंभ बना दिया।

Hindi Articles

शेखर एक जीवनी में विद्रोह का स्वर | Hindi Stack

शेखर एक जीवनी में विद्रोह का स...

Join NET/JRF Whatsapp Channel