संस्मरण और रेखाचित्र परस्पर मिली-जुली आधुनिक गद्य विधाएँ हैं। इन दोनों विधाओं में कई समानताएँ प्रतीत होती हैं, इसलिए कुछ आलोचक इन दोनों के बीच उतना भेद नहीं मानते। लेकिन दोनों ही विधाओं की गहराई से जाँच पड़ताल करें तो मालूम पड़ता है कि ये समानताएँ केवल आकार और प्रकृति की हैं। जबकि दोनों की अन्तः सत्ता में बहुत बड़ा अंतर है। साथ ही दोनों के भाव एवं रचना तन्त्र भी एक दूसरे से बिल्कुल अलग-अलग हैं। जिसके कारण दोनों का अलग-अलग अस्तित्व मालूम होता है। जिन्हें हम निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से समझ सकते हैं:
- संस्मरण विवरण प्रधान होते हैं और रेखाचित्र चित्रण प्रधान क्योंकि रेखाचित्रकार रेखाओं के माध्यम से ही वर्ण्य विषय का चित्र खींचता है।
- संस्मरण में लेखक का वर्ण्य-विशेष, व्यक्ति या वस्तु से संवेदनात्मक संबंध होता है। लेकिन रेखाचित्र में लेखक निष्पक्ष होकर व्यक्ति या वस्तु का रेखांकन करता है।
- संस्मरण में प्रसंगों और कथाओं का उपयोग किया जाता है। पर रेखाचित्र में रूप की अभिव्यक्ति पर ही बल दिया जाता है।
- संस्मरण में वर्ण्य-विशेष के द्वारा भाव-बिम्ब खींचे जाते हैं और रेखाचित्र में वर्ण्य-विषय का शब्द चित्र खींचा जाता है।
- संस्मरण में देश-काल और परिस्थितियों की प्रधानता होती है। लेकिन रेखाचित्र में वर्णन विषय या वस्तु की प्रधानता है।
- संस्मरण में मुख्य रूप से पुरानी बातों को याद किया जाता है। लेकिन रेखाचित्र में किसी व्यक्ति या वस्तु के जीवन का चित्रण होता है।
- संस्मरण के लिए भावना तथा अनुभूति का होना जरूरी है। लेकिन रेखाचित्र के लिए इसमे पैनी दृष्टि की जरूरत होती है।
- संस्मरण में आत्मीय राग और निजी विशिष्टता होनी जरूरी है। रेखाचित्र में केवल आत्मीय-राग की जरूरत होती है।
- संस्मरण अनेक शैलियों में लिखे जा सकते हैं, इसलिए उसमें विविधता होती है। रेखाचित्र में सीमित शैलियाँ होती है। इसलिए इसमें शिल्प वैविध्य नहीं होता है।
- संस्मरण के लिए विवणात्मक शैली अनिवार्य होती है। रेखाचित्र के लिए चित्रात्मक शैली अनिवार्य मानी जाती है।
रेखाचित्र और संस्मरण में अंतर बताइए – Rekhachitra aur sansmaran mein antar
हमने रेखाचित्र और संस्मरण में अंतर (Rekhachitra aur sansmaran mein antar) को नीचे क्रम से बताया हैं –
संस्मरण | रेखाचित्र |
---|---|
संस्मरण विवरण प्रधान होते हैं | रेखाचित्र चित्रण प्रधान होता है |
संस्मरण वास्तविक होता है | रेखाचित्र वास्तविक व काल्पनिक दोनो होते है |
संस्मरण किसी महान व्यक्ति का होता है | रेखाचित्र समान्य से समान्य व्यक्ति का हो सकता है |
संस्मरण का ‘विषय’ कोई एक विशेष व्यक्ति या किसी एक घटना से सम्बंधित हो सकता है | रेखाचित्र के विषय विभिन्न हो सकते है |
संस्मरण संक्षिप्त (आकार में छोटा) होते हैं | रेखाचित्र विस्तृत (आकार में बड़ा) होते हैं |
संस्मरण में विवणात्मक शैली का प्रयोग होता है | रेखाचित्र में चित्रणात्मक शैली का प्रयोग होता है |
संस्मरण में मुख्य रूप से पुरानी बातों को याद किया जाता है | रेखाचित्र में किसी व्यक्ति या वस्तु के जीवन का चित्र होता है |
उदाहरण- 1. श्रीराम शर्मा – शिकार, जंगल के जीव 2. जेनेंद्र कुमार – ये और वे | उदाहरण- 1. महादेवी वर्मा – बीबियाँ, मेरा परिवार 2. महादेवी त्यागी – मेरी कौन सुनेगा |
12 Responses
Goood but divide that
Hard language 🤔
yes
Yes
Hard language
Hii
ठिक है
Hard word
Dificult to learn
Difficult to learn
Please try to upload esili
Not bad
Hii